(Read in English) किसी भी दीर्घकालीन रोग होने पर जब रोगी पहला झटका लगने के बाद संभालता है, तो उसके मन में सबसे पहला प्रश्न ये आता कि "क्या ये बीमारी मेरे बच्चो को होगी?" क्योंकि इंसान अपनी तकलीफ बर्दाशत कर सकता है पर अपने बच्चो को तकलीफ होते नहीं सह सकता। तो आपके इस प्रश्न का जवाब है कि ये ज़रूरी नहीं है।
जबकि पार्किंसंस के मामलों में कुछ प्रतिशत एकल आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Single Genetic Mutation)* के कारण होते है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता। अगर आप इस उत्परिवर्तन से ग्रस्त है तो इसका अर्थ ये नहीं कि आपके बच्चो को भी ये विरासत में मिले। और जितने ज्ञात आनुवंशिक उत्परिवर्तन के बारे में जांच की गई है उसमें सिर्फ पार्किंसंस रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, पर पार्किंसंस होना की गॅरंटी नहीं होती।
पार्किंसंस और उत्परिवर्तन एक बहुत ही उलझा हुआ और व्यक्तिगत विषय है। अपने डॉक्टर से इस बारे में बातचीत करे और ज़रुरत पड़ने पर विशेषयज्ञ से सलाह ले। ये विशेषयज्ञ आपको सही तरह से पार्किंसंस के आनुवंशिकी के बारे में समझा सकेंगे, वह ये भी बता सकेंगे कि ये परिक्षण (test) आपको क्या जानकारी दे सकेंगे और क्या नहीं। अगर आप ये परिक्षण करवाते है तो ये विशेषयज्ञ आपको इसके परिणाम समझा सकते है।
पिछले दो दशकों में शोधकर्ता एक प्रमुख धारणा से आगे बढे है कि पार्किंसंस के ग्रस्त रोगी से कोई आनुवांशिक लिंक नहीं है। लेकिन अब कई आनुवंशिक श्रुंखले (Genetic Links) है जिनके बारे में शोधकर्ताओं को पता चला है। इन श्रंखलाओं को जांच करने और समझने पर नवी दवाओं की खोज में वृद्धि हुई है।
इसके आनुवंशिक के बारे में शोधकर्ताओं को कई सुराग मिलेंगे, जिस से इसके इलाज़ में सहयता होगी।
* Single genetic mutation - a single gene disorder caused by variations in DNA sequence of a specific gene।
* एकल आनुवंशिक उत्परिवर्तन - किसी कोशिका DNA में बदलाव।
Source –www.michaeljfox.org Picture Credit - www.parkinsonslife.eu