ऐसे कई तरीके है जिन्से पार्किंसंस के होते हुए आपको सकारत्मक एवं अच्छी ज़िन्दगी गुज़ार सकते है। रोज़ डायरी लिखना, व्यायाम करना आदि । हम आपको ऐसी व्यावहारिक जानकारी देंगे, जिसे आप रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सम्मिलित कर सकते है। ध्यान रहे कि ये जानकारी डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। पढ़िए गैर औषधीय प्रबंधन
1. अच्छी नींद : अगर आप पार्किंसंस से पीड़ित है और सोने में दिक्कत महसूस करते है तो आप अकेले नहीं हैं। ९०% रोगियों को ये शिकायत होती हैं।
a ) अच्छी नींद के लिए आप सोने का समय निश्चित करे।
b ) खाना पीना समय पर और संतुलित हो इसका ध्यान रखे।
c ) चाय कॉफ़ी सोने से पहले ना ले।
d ) नियमित व्यायाम करे और दिन भर सक्रिय रहने की कोशिश करे।
e ) सोना का कमरा ठंडा एवं आरामदायक रखे।
2. व्यायाम : पार्किंसंस के होते हुए अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए व्यायाम बहुत ही आवश्यक हैं। अपनी सुविधा अनुसार हल्का फुल्का व्यायाम करे। इससे आपको शारीरिक एवं मानसिक फायदे होंगे, आपको अपने शरीर पर नियंत्रण का अहसास होगा।
a ) संतुलन बेहतर होगा और गिरने में कमी होगी
b ) आपके शरीर का लचीलापन बढ़ेगा तथा आपका अंग विन्यास सही रहेगा
c ) शारीरिक ऊर्जा बढ़ेगी और थकान कम महसूस होगी
d ) आपकी मनोदशा अच्छी होगी एवं अवसाद में कमी आएगी।
e ) दिमागी स्वास्थ्य बेहतर होगा
3. खान पान : पार्किंसंस की वजह से शारीरिक हलचल कम हो जाती है जिस कारण वज़न बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इस लिए आपको अपने खान पान का ध्यान रखना ज़रूरी है। लेकिन कई बार खाना निगलने में दिक्कत , दवाइओं के असर आदि की वजह से पार्किंसंस में वज़न कम भी हो जाता है। इस लिए ज़रूरी है कि आप अपने खाने पीने का ध्यान रखें। कब्ज़ से बचने के लिए सलाद और सूप , प्रोटीन से भर पुर भोजन करे।
4. बौद्धिक खेल : दिमाग को क्रियाशील रखने के लिए ज़रूरी है कि पार्किंसंस से पीड़ित व्यक्ति कोई दिमागी खेल खेले , जैसे शतरंज , क्रॉस वर्ड , ताश से खेले जाने वाला खेल पेशेंस (Patience) वैगरह।
5. डायरी लिखना : अगर संभव हो तो रोज़ डायरी लिखे। अपने अनुभव , हो रही तकलीफों के बारे में इत्यादि। हो सकता है कि इस से किसी को प्रेरणा मिले।
6. शौक : कुछ पढ़ना , गाने सुनना , नृत्य सीखना ( अपनी शारीरिक क्षमताओं को देखते हुए ), चित्रकला , बागवानी करना , नए नए लोगो से मिलना इत्यादि।
7. नए दोस्त बनाये : कुछ ऐसे दोस्त बनाये जो पार्किंसंस से पीड़ित हो। इस से आपको काफी ऐसे लोग मिलेंगे जो आपकी तकलीफ समझेंगे और आपको नैतिक समर्थन देंगे, खासकर पार्किंसंस से जुड़े स्वयं सहायता ग्रुप ।
याद रखें आप अपने आप को जितना व्यस्त रखेंगे उतना ही आप सकारत्मक अनुभव करेंगे और आप भविष्य के लिए उत्साहित रहेंगे। Source www.parkinsonseurope.org
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