व्यायाम यूँ तो सभी के लिए लाभदायक है, लेकिन अगर आप पार्किंसंस से पीड़ित हैं, तो ये आपके दवाई लेने जितना ही अनिवार्य है। व्यायाम से आपके अंगो में लचीलापन , संतुलन, शक्ति , मजबूती , तीव्रता रहती हैं। इस से आप अपने स्वयं के काम करने में सक्षम रहते हैं, आप वो काम कर सकते हैं जो आपको आनंद देते हैं। हम आगे आपको वह व्यायाम बताएँगे जो आपको ज्यादा लाभ पहुंचाएंगे। लेकिन पहले हम आपको व्यायाम से होने वाले फायदे समझायेंगे। पढ़िए गैर औषधीय प्रबंधन
· मोटर लक्षण प्रबंधन (Motor symptom management):
शोधकर्ताओं ने बताया हैं कि व्यायाम करने से आपके अंगो में लचीलापन , संतुलन , समन्वय *, चपलता , चाल तथा ताकत में सुधार आता हैं।
· गैर मोटर लक्षण प्रबंधन (Non Motor symptom management):
व्यायाम से अवसाद, चिंता, उदासीनता, अनुभूति तथा निंद्रा पर सकारात्मक असर होता हैं।
· गतिशीलता की गिरावट में देरी (Delay mobility decline): अध्ययनों से पता चलता हैं की व्यायाम के कारण रोग के कुछ सामान्य लक्षण देरी से बढ़ते हैं।
व्यायाम में सुरक्षा के कुछ मनन :
पार्किंसंस से पीड़ित रोगियों के लिए व्यायाम अनिवार्य हैं। लेकिन संतुलन की तकलीफ और बाकी लक्षणों के कारण गिरने का दर बढ़ सकता हैं। व्यायाम करने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी हैं। जैसे :
१. डॉक्टर से परामर्श : अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करना , खासकर अगर आप कोई नया व्यायाम क्रिया शुरू करने वाले हैं या आपके रोग के लक्षण बढ़ रहे हैं या नए लक्षण नज़र आ रहे हैं।
२. दवाइओं का समय : कई पार्किंसंस पीड़ितों का एक नियमित वक़्त होता हैं जिसमें दवा लेना सबसे ज्यादा प्रभावी होता हैं , उनके लक्षण को हल्का या कम करती हैं। उस समय पर व्यायाम करना बहुत लाभदायक हो सकता हैं और गिरने का रिस्क कम होता हैं।
३. जलयोजित रहना (Hydrated रहना ) : तरल पदर्थों का सेवन करते रहने से रक्तचाप नियमित रहता और चक्कर कम आते हैं , इस कारण गिरने का खतरा कम होता हैं।
४. लक्षणों पर ध्यान : याद रहे कि आपको अपने मोटर और गैर मोटर लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
* समन्वय: नियमित क्रम Coordination
TAI CHI
** तै ची: एक प्रकार की चीनी शारीरिक धीमी कसरत जिससे संतुलन एवं ध्यान पर असर पड़ता हैं (Tai Chhi)