(Read it in English) शोधकर्ता FOG का कारण जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इतना समझ में आया है कि ये समस्या मस्तिष्क और रीढ़ कि हड्डी में संचार व्यवधान आने के कारण होता है। कल्पना करें कि आपका मस्तिष्क एक नियंत्रक है, जो आपके शरीर को बता रहा है कि क्या करना है, और रीढ़ की हड्डी एक दूत की तरह है जो उन निर्देशों को आपकी मांसपेशियों तक पहुंचा रही है । यदि उस संचार में कोई गड़बड़ हो जाए , तो इस कारण से आप चलते समय अटका हुआ महसूस करते हैं।
कैसा हो अगर हमें कोई सरल गैर-आक्रामक समाधान मिल जाये , जिससे आपकी चलने की झिझक और आपका आत्म विश्वास बढ़ाने में मदद करे ? यहाँ पर WALK आपकी सहायता करता है। FOG एपिसोड को कम करने के लिए WALK एक गैर-इनवेसिव न्यूरोमॉड्यूलेटरी पहनने योग्य उपकरण है। इस यंत्र को दोनों पैरो की जाँघों के निचले हिस्से में बाँधा जाता है , WALK एक विशेष प्रकार की पैटर्न वाली stimulation का उपयोग करता है जो मांसपेशियों को संकेत भेजता है। WALK यंत्र मांसपेशियों में क्रियाशीलता को बढ़ाता है और PD के कारण होने वाले संचार व्यवधान के कुप्रभाव को कम करता है। WALK इस तरह के पैटर्न वाली stimulation , पार्किंसंस के कारण होने पैरों की अकड़न और हल चल में आने वाले धीमेपन को कम करता है।
इसके इस्तेमाल से चलते हुए मांसपेशियों की क्रियाशीलता बढ़ती है , और ये ही नहीं ! WALK में सेंसर भी हैं जो डेटा एकत्र करते हैं और यह ट्रैक करते हैं कि समय के साथ आपके चलने में क्या सुधार हुआ है । यह वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया और उत्तेजना प्रदान करता है, जो व्यक्तियों को FOG पर काबू पाने और चलने की स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है।
WALK , रीढ़ की हड्डी की ड्राइव को बढ़ाकर चलने में होने वाली अकड़न (FOG ) को कम करने या पार्किंसंस रोग वाले व्यक्तियों में चाल में होने वाली जकड़न से तेजी से उबरने में मदद करता है।और साथ में :
१ चलने हुए स्थिरता में सुधार
२ गैर-आक्रामक और उपयोग करने वाले की ज़रुरत के अनुकूल
३ गतिशीलता का बढ़ना और आतम निर्भता को बढ़ावा देना
४ जीवन की गुणवत्ता में सुधार
तो, WALK के साथ, आप डर और झिझक से छूटकर आसानी से आत्मविश्वास से भरकर आगे बढ़ सकते हैं।
WALK ,गिरने और असंतुलन के लक्षणों का पता लगाकर महत्वपूर्ण डेटा एकत्रित करता है और WALK के पास एक gamified therapy प्लेटफार्म है जो थेरेपी को दिलचस्प बनाता है। इस से पीड़ित को अपनी बिमारी की प्रगति समझने , उपयुक्त कदम उठाने में , लम्बे समय तक गतिशीलता और आत्म निर्भता बनाये रखने में सहयता मिलती है।