व्यग्रता और पार्किंसंस (Anxiety and Parkinson's)
- Harsha Khanna
- Sep 18, 2023
- 2 min read
Updated: Aug 22, 2024
कुछ पार्किंसंस के कुछ रोगी व्यग्रता का अनुभव कर सकते है। इस लेख से हम आपको व्यग्रता क्या है और आपको कैसा महसूस करवा सकती है के बारे में बताएँगे। ये लेख उन क़दमों पर भी गौर करता है जो आप व्यग्रता के लक्षणों को संभालने में मदद कर सकता है।

व्यग्रता क्या है ?
व्यग्रता, जिसे इंग्लिश में Anxiety कहते है, एक एहसास है जिसमें आप चिंता , डर एवं घबराहट महसूस करते हैं। वैसे तो हर व्यक्ति अपने जीवन काल में कभी ना कभी इस दौर से गुज़रता हैं। ये कई डराने वाली एवं मुश्किल परिस्थितियों में सामन्य प्रतिक्रिया हैं जो स्थिति बदलते ही सही हो जाती है, जैसे घर बदलना, धन सम्बन्धी मुश्किलों में। लेकिन कई लोगों को व्याकुलता लम्बे समय तक रहती हैं इसका कोई सपष्ट कारण नहीं हैं।

व्यग्रता के विशेष लक्षण क्या हैं ?
इसके लक्षणों को पहचानना बहुत ही ज़रूरी हैं ताकि इसका इलाज जल्द से जल्द शुरू किया जा सके:
१. भय की भावना
२. हरसमय चिंता
३. एकाग्रता में अड़चन
व्यग्रता के रोगी में कई शारारिक लक्षण भी नज़र आते हैं।
· पसीना आना
· दिल की धड़कन का तेज़ होना
· छाती में तनाव का महसूस होना
· चक्कर आना
· कंपकंपी
· दहज़मी , जी मिचलाना , पेट में ऐठन
· कमज़ोरी लगना
· मुहँ सुखना
· मांसपेशियों में दर्द
· नींद ना आना
बाकी लोगों की तरह पार्किंसंस से पीड़ित रोगियों को व्यग्रता कई कारणों से होती हैं, मानसिक रसायन, अनुवांशिकी और तनावपूर्ण जीवन आदि। अक्सर पार्किंसंस के साथ आजीवन जीने की चिंता एवं डर से व्यग्रता हो सकती हैं। कई बार पार्किंसंस से पीड़ित रोगी को औषधि की दो खुराकों के बीच में बीच में व्यग्रता आ सकती हैं। औषध लेते ही लक्षण ठीक होते हैं , लेकिन औषध का असर कम होते ही फिर से लक्षण लौट आते हैं।
कई बार पार्किंसंस के रोगी का सही से इलाज ना होने पर व्यग्रता बढ़ जाती हैं, इस लिए बहुत ज़रूरी हैं कि पार्किंसंस का इलाज सही हो। सरल सी चीज़ें जैसे संगीत सुनना, किताबें पढ़ना आदि से व्यग्रता के लक्षण कम होते हैं। खाने पीने का ध्यान रखें, अच्छा पौष्टिक खाना खाएं, शराब, चाय कॉफ़ी आदि से दूर रहें। व्यायाम, योग करें , ध्यान लगाएं आदि लोगों से मिले , घूमने जाएँ, अपनी चिंता अपनों के साथ साँजा करें। काउंसलर (Counsellor) से मिले।

पार्किंसंस के शुभचिंतकों को व्यग्रता होना।
पार्किंसंस से पीड़ित रोगियों के परिवार को भी अक्सर व्यग्रता का शिकार होते देखा गया हैं। अगर आपके किसी अपने को पार्किंसंस हैं तो आप भी उस माहौल में उदासीनता महसूस करेंगे, इस लिए आवश्यक की आप भी अपनी रूचि अनुसार संगीत सुने, किताबें पढ़े, व्यायाम करें, ध्यान लगाएं। क्योंकि आपको पार्किंसंस पीड़ित रोगी का ध्यान रखने के साथ अपना भी ध्यान रखना हैं। आप अपना ध्यान रखें ताकि आप पार्किंसंस रोगी का ध्यान रख सकें। ये भी ज़रूरी हैं कि आप अपनी चिंता, परेशानी आदि किसी के साथ साझा करें।